नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था. इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है. साल 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया
रिटायरमेंट के बाद भी आपको नियमित आय होती रहे, इसके लिए रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है. अलग-अलग जगह निवेश कर आप आज से ही अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से निवेश का एक अच्छा विकल्प नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी है. सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम में मई 2019 तक 55 लाख से अधिक लोग निवेश कर चुके हैं. इस योजना में शामिल होने की उम्र 18 से 60 साल के बीच है।
हाइलाइट्स:
- NPS के लिए सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों में पॉइंट ऑफ प्रजेंस (पीओपी) हैं
- NPS के तहत आप साल में अधिकतम 2 लाख रुपये की टैक्स में छूट ले सकते हैं
- 60 साल की उम्र के बाद NPS में जमा रकम का 60% हिस्सा कैश ले सकते हैं
नेशनल पेंशन स्कीम क्या है?
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. कोई भी व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है. इकठ्ठा हुई धन राशि के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने के लिए कर सकता है. व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से NPS खाता बढ़ता है.
चार सेक्टर में खोला जाता है अकाउंट
केंद्रीय कर्मचारी: इसे केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खोला जाता है। इसमें सैलरी (बेसिक) का 14% NPS अकाउंट में जमा किया जाता है।
राज्य सरकारी कर्मचारी: राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए यह खाता खोलती है। इसमें भी सैलरी (बेसिक) का 10% NPS अकाउंट में जमा किया जाता है।
कॉर्पोरेट सेक्टर: इसे प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए खोलती हैं। इसमें कंपनियां कर्मचारी की सैलरी (बेसिक) का 10% NPS अकाउंट में जमा कराती हैं। अगर कर्मचारी चाहे तो इसके अलावा भी सैलरी का कुछ या पूरा हिस्सा भी NPS अकाउंट में जमा करा सकता है।
ऑल सिटिजन्स मॉडल: इसमें बिजनसमैन, आजीविका चलाने वाले आदि लोग आते हैं। इस सेक्टर में आने वाले लोगों को ऑनलाइन या बैंक जाकर NPS अकाउंट खुलवाना होता है। वे इसमें कितनी भी रकम जमा करा सकते हैं।
NPS खातों के प्रकार:
NPS में दो तरह के खाते होते हैं: टियर 1 और टियर 2
- 60 साल की उम्र तक टियर 1 से फंड विद्ड्रॉल नहीं किया जा सकता है.
- टियर II NPS खाता एक बचत खाते की तरह काम करता है, जहां से ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकता है.
फंड मैनेजर
ये वे होते हैं जो आपकी जमा रकम को बेहतर ढंग से इन्वेस्ट करते हैं ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके। NPS अकाउंट खुलवाने के दौरान ही आपको इसका चयन करना होता है। सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त 8 फंड मैनेजर हैं। इनकी नियुक्ति पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की ओर से की जाती है। ये हैं:
1. एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड
2. रिलायंस कैपिटल पेंशन फंड लिमिटेड
3. यूटीआई रिटायरमेंट पेंशन फंड लिमिटेड
4. कोटक महिंद्रा पेंशन फंड लिमिटेड
5. एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड
6. एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट लिमिटेड
7.आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल पेंशन फंड्स मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड
8. बिरला सनलाइफ पेंशन मैनेजमेंट लिमिटेड
फंड मैनेजर का चुनाव ऐसे करें
फंड मैनेजर के कारण ही आपका पैसा बढ़ता है और बाद में अच्छा रिटर्न मिलता है। ऐसे में जरूरी है कि आप एक बेहतर फंड मैनेजर चुनें। फंड मैनेजर चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें:
रिटर्न देखें: उस फंड मैनेजर का चुनाव करें जिसने अब तक बेहतर रिटर्न दिलाया है। इसकी पूरी जानकारी आप npstrust.org.in/return-of-nps-scheme से ले सकते हैं।
बदल सकते हैं फंड मैनेजर
NPS खाते में जो रकम जमा की जाती है उस पर रिटर्न मिलता है। यह रिटर्न फिक्स नहीं होता और इस बात पर निर्भर करता है कि आपका फंड मैनेजर आपका पैसा किस योजना में लगा रहा है। इसकी जानकारी आपको लगातार दी जाती है। अगर आपका फंड मैनेजर अच्छा रिटर्न नहीं दिलवा पा रहा है तो आप उसे साल में एक बार बदल भी सकते हैं।
एन्युटी – Annuity
NPS के पूरी होने के बाद आपके पास जो रकम जमा हो जाती है, उसमें से कम से कम 40% पैसा आपको बीमा कंपनी को देना होता है। बीमा कंपनी इस पैसे से आपकी पेंशन शुरू कर देती है। अगर आप चाहें तो बीमा कंपनी को NPS में जमा हुई पूरी रकम भी दे सकते हैं और उसके आधार पर पेंशन शुरू करवा सकते हैं। पेंशन के लिए बीमा कंपनी की दी जाने वाली रकम ही एन्युटी कहलाती है। एन्युटी से पेंशन के लिए इन पांच कंपनियों में से आपको एक चुनना पड़ता है:
- एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
2. स्टार यूनियन दायची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
3. लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
4. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
5. एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
NPS में मिलने वाला फायदा
- सरकार ने NPS से अंतिम निकासी पर भुगतान की छूट की सीमा को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया है.
- फाइनेंस मिनिस्टर ने NPS ट्रस्ट को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) से अलग करने का फैसला लिया है.
- सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के खातों में योगदान की सीमा को 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
- मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, कोई भी NPS ग्राहक रुपये की कुल सीमा में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD (1) के तहत ग्रॉस इनकम का 10 फीसदी तक टैक्स में डिडक्शन क्लेम कर सकता है. सेक्शन 80CCE के के तहत यह लिमिट 5 लाख है.
- सेक्शन 80CCE के तहत ग्राहक 50 हजार रुपये तक का अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
- एन्युटी की खरीद में निवेश की गई राशि को भी कर से पूरी तरह छूट प्राप्त है.
एनपीएस में 60 फीसदी रकम मैच्योरिटी पूरी होने पर निकाली जा सकती है जबकि 40 फीसदी रकम की एन्युनिटी (पेंशन) लेनी पड़ती है.
उदाहरण के लिए अगर आपकी उम्र 30 साल है और आप एनपीएस में हर महीने 5000 रुपये 60 साल की उम्र तक डालते हैं और मान लीजिये 10 फीसदी का ही सालाना रिटर्न मिलता है तो मैच्योरिटी कार्पस 1.14 करोड़ रुपये हो जाएगा. इस रकम में से निवेशक को सिर्फ 60 फीसदी रकम निकालने का हक है यानी एनपीएस खाता धारक सिर्फ 68.37 लाख रुपये ही निकाल सकता है.
NPS खाता कैसे खोलें
ऑफलाइन प्रक्रिया
- NPS खाता ऑफलाइन या मैन्युअल रूप से खोलने के लिए, व्यक्ति को पहले PoP-Point of Presence (यह बैंक भी हो सकता है) खोजना होगा.
- अपने नजदीकी PoP से एक सब्सक्राइबर फॉर्म लीजिए और इसे KYC पेपर्स के साथ जमा करें.
- एक बार जब आप प्रारंभिक निवेश करते हैं (500 रुपये या 250 रुपये मासिक या 1,000 रुपये से कम नहीं), तो PoP आपको एक PRAN – स्थायी रिटायरमेंट खाता संख्या भेजेगा.
- इस संख्या और पासवर्ड की मदद से आप अपने खाते को चला सकते हैं.
- इस प्रक्रिया के लिए 125 का एक बार रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होगा
ऑनलाइन प्रक्रिया
- यदि आप अपने खाते को अपने पैन, आधार/ या मोबाइल नंबर से जोड़ते हैं, तो एक खाता ऑनलाइन खोलना आसान है. आप अपने मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन को मान्य कर सकते हैं.इसके बाद आपको एक PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) मिलेगी जिसकी मदद से आप NPS लॉग इन के लिए कर सकते हैं.
अगर किसी कारणवश आप NPS अकाउंट बीच में ही बंद कराना चाहते हैं तो इसकी कुछ शर्ते हैं:
-10 साल से पहले अकाउंट बंद नहीं कर सकते।
– सिर्फ 20% रकम ही एकमुश्त निकाल सकते हैं।
– शेष 80% रकम की एन्युटी खरीदनी होगी। इससे ही 60 साल की उम्र के बाद हर महीने पेंशन मिलेगी।
– 60 साल या रिटायर होने से पहले मौत होने पर नॉमिनी को पूरी पेंशन की रकम दे दी जाती है।
– अगर आपकी जमा राशि 2 लाख रुपये से कम हैं तो आपको एन्युटी लेने की कोई जरूरत नहीं होगी और पूरा पैसा एकमुश्त मिल जाएगा।
ऐप से भी मिलेगी पूरी जानकारी
– NPS अकाउंट होल्डर ऐप के जरिए भी अपने अकाउंट की पूरी जानकारी रख सकते हैं।
– आप प्ले स्टोर से NSDL नाम से ऐप डानलोड कर सकते हैं।