आज के समय में ज्यादातर उपभोक्ता फोन लेते समय इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि जो स्मार्टफोन वह ले रहे हैं क्या वह 4G VoLTE सपोर्ट करता है या नहीं। वहीं, कुछ स्मार्टफोन 4G होते हैं, लेकिन VoLTE की जगह LTE सपोर्ट के साथ आते हैं। इस बात को लेकर उपभोक्ता असमंजस स्थति में रहते हैं कि आखिर ये 4G LTE और 4G VoLTE में क्या फर्क है और इससे स्पोर्टिट स्मार्टफोन के होने से या न होने से क्या फर्क पड़ता है। इसी परेशानी को देखते हुए आज हम आपको बताएंगे कि आखिर दोनों में क्या फर्क है और दोनों एक दूसरे से कितने अलग हैं।
पिछले साल रिलायंस जियो ने कम दाम पर 4G डाटा और फ्री वॉइस कॉलिंग वाली सर्विस लॉन्च कर पूरे देश में धमाल मचा दिया था। कंपनी VoLTE इस्तेमाल करते हुए लोगों को मुफ्त में 4G इंटरनेट की सुविधा मुहैय्या कराई। तब से लेकर आजतक लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जैसे कि VoLTE क्या है, HD कॉलिंग क्या है?
इन दोनों में अंतर बताने से पहले हम आपको LTE, VoLTE और 4G के पूरे नाम के बारे में बता देते हैं। LTE (लॉन्ग टर्म एव्यूलेशन), VoLTE (वॉयस ओवर लॉन्ग टर्म एव्यूलेशन और आखिर में 4G का पूरा नाम फोर्थ जनरेशन है।
क्या होता है 4G VoLTE
पहली वायरलेस टेलिफोन टेक्नॉलजी को 1G का नाम दिया गया था इसके बाद 2G और 3G टेक्नॉलजी ने दस्तक दी। इसके बाद आया 4G जिसने स्मार्टफोन की परिभाषा को बदल कर रख दिया था। 4G VoLTE का जो महत्वपूर्ण काम है वह है कॉल कनेक्टिविटी को सुधारना। VoLTE में यूजर्स फोन पर बात करते समय 3G और 2G से बेहतर नटवर्क कनेक्टिविटी मिलती है। जो कि LTE में नहीं मिलती। VoLTE से होने वाली कॉलिंग की क्वॉलिटी सेल्युलर नेटवर्क से होने वाली कॉलिंग से बेहतर होती है। इसीलिए VoLTE से होने कि जाने वाली वॉइस कॉलिंग को HD वॉइस कॉलिंग भी कहा जाता है। इसके साथ ही VoLTE से ऑपरेटर को वॉइस और डेटा के लिए अलग बैंड इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती।
रिलायंस जियो के अलावा दूसरी कंपनियां सिर्फ डेटा के लिए 4G LTE का इस्तेमाल कर रही हैं। वॉइस कॉलिंग के लिए वे अपने 3G या 2G सेल्यूलर नेटवर्क को इस्तेमाल कर रही हैं। इस हिसाब से VoLTE ऑपरेशन में सुविधाजनक होने के साथ सस्ती तकनीक भी है।
क्या होता है 4G LTE
LTE सपोर्ट होने के बाद फोन में अधिकतम 100 से 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड की अधिकतम डाटा स्पीड मिल सकती है और स्थिर होने पर 1जीबी प्रति सेकंड की। इसके अलावा इंटरनेट प्रोटोकॉल या IP पर आधारित LTE नेटवर्क को ही VoLTE (वॉयस ओवर लॉन्ग टर्म एव्यूलेशन) का नाम दिया गया है। दरअसल LTE के जरिए वॉइस कॉलिंग भी की जा सकती है। इसके लिए कैरियर्स को अपने वॉइस कॉल नेटवर्क में बदलाव लाना पड़ता है। LTE से ऑपरेटर को वॉइस और डेटा के लिए अलग बैंड इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है।
4G नेटवर्क
अगर बात करें 4G नेटवर्क की तो यह एक फोर्थ जनरेशन मोबाइल टेली कम्यूनिकेशन टेक्नॉलाजी है। इसका काम फास्ट इंटरनेट देना है। 4G टेक्नॉलाजी 3G से पांच गुना ज्यादा आच्छी है। अगर आपको अच्छे से 4G नेटवर्क मिल रहा है तो इसकी स्पीड 100Mbps होती है।